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हिंदी कहानियां - भाग 106

नकली मोर


नकली मोर   एक कौए ने मोर के पंख लगा लिये और अपने को मोर समझकर मोरों की एक टोली में जा घुसा। उसे देखकर मोरों की टोली ने उसे फौरन पहचान लिया। फिर क्या ! दूसरे ही पल सारे मोर उसपर झपट पड़े। चोंच मारकर उसे अपनी टोली से दूर खदेड़ दिया। रुआँसा होकर कौआ अपनी जमात में वापस लौट आया। उसके अपने भाई-बंधु भी उसकी इस हरकत से नाराज हो गए थे। वे भी उस पर टूट पड़े। सौरे कौओं ने मिलकर उसके पंख नोच डाले। नकल को अकल कहाँ !

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